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BEO EXAM -आधुनिक भारत की मुख्य घटनाए और ब्रिटिश गवर्नर जनरल , वाइसराय
- लॉर्ड विलियम बैंटिक भारत मेँ किए गए सामाजिक सुधारोँ के लिए विख्यात है।
- बेंटिंक ने ठगों के आतंक से निपटने के लिए कर्नल स्लीमैन को नियुक्त किया।
- लॉर्ड विलियम बैंटिक के कार्यकाल मेँ 1829 मे सती प्रथा का अंत कर दिया गया
- लॉर्ड विलियम बैंटिक ने भारत मेँ कन्या शिशु वध पर प्रतिबंध लगाया।
- बैंटिक के ही कार्यकाल मेँ देवी देवताओं को नर बलि देने की प्रथा का अंत कर दिया गया।
- शिक्षा के क्षेत्र मेँ बेंटिंक का महत्वपूर्ण योगदान था। इसके कार्यकाल मेँ अपनाई गई मैकाले की शिक्षा पद्धति ने भारत के बौद्धिक जीवन को उल्लेखनीय ढंग से प्रभावित किया।
- मेटकाफ ने समाचार पत्रोँ पर लगे प्रतिबंधोँ को समाप्त कर दिया। इसलिए इसे प्रेस का मुक्तिदाता भी कहा जाता है।
- लॉर्ड ऑकलैंड के कार्यकाल मे प्रथम अफगान युद्ध (1838 ई. – 1842 ई.) हुआ।
- 1838 में लॉर्ड ऑकलैंड ने रणजीत सिंह और अफगान शासक शाहशुजा से मिलकर त्रिपक्षीय संधि की।
- लॉर्ड ऑकलैंड को भारत मेँ शिक्षा एवं पाश्चात्य चिकित्सा पद्धति के विकास और प्रसार के लिए जाना जाता है।
- लॉर्ड ऑकलैंड के कार्यकाल मेँ बंबई और मद्रास मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की गई। इसके कार्यकाल मेँ शेरशाह द्वारा बनवाए गए ग्रांड-ट्रंक-रोड की मरम्मत कराई गई।
- एलनबरो के कार्यकाल मेँ भारत मेँ दास प्रथा का अंत कर दिया गया।
- लॉर्ड हार्डिंग के कार्यकाल मेँ आंग्ल-सिख युद्ध (1845) हुआ, जिसकी समाप्ति लाहौर की संधि से हुई।
- लॉर्ड हार्डिंग को प्राचीन स्मारकोँ के संरक्षण के लिए जाना जाता है। इसने स्मारकों की सुरक्षा का प्रबंध किया।
- लार्ड डलहौजी के कार्यकाल मेँ भारत मेँ रेलवे और संचार प्रणाली का विकास हुआ।
- डाल्होजी के कार्यकाल मेँ वुड का निर्देश पत्र आया जिसे भारत मेँ शिक्षा सुधारों के लिए मैग्नाकार्टा कहा जाता है।
- डाल्होजी ने 1854 में नया डाकघर अधिनियम (पोस्ट ऑफिस एक्ट) पारित किया, जिसके द्वारा देश मेँ पहली बार डाक टिकटों का प्रचलन प्रारंभ हुआ।
- लार्ड डलहौजी के कार्यकाल मेँ भारतीय बंदरगाहों का विकास करके इन्हेँ अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य के लिए खोल दिया गया।
- डाल्होजी के कार्यकाल मेँ हिंदू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम पारित हुआ।
- केनिंग भारत का अंतिम गवर्नर जनरल था। तत्पश्चात ब्रिटिश संसद द्वारा 1858 में पारित अधिनियम द्वारा इसे भारत के प्रथम वायरस बनाया गया।
- केनिंग के कार्यकाल मेँ IPC, CPC तथा CrPC जैसी दण्डविधियों को पारित किया गया था। इसके शासन काल की सर्वाधिक महत्वपूर्ण घटना 1857 का विद्रोह था।
- केनिंग के कार्यकाल मेँ लंदन विश्वविद्यालय की तर्ज पर 1857 में कलकत्ता, मद्रास और बम्बई विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई।
- 1857 के विद्रोह के पश्चात पुनः भारत पर अधिकार करके मुग़ल सम्राट बहादुर शाह को रंगून निर्वासित कर दिया गया।
- लार्ड कैनिंग के कार्यकाल मेँ भारतीय इतिहास प्रसिद्ध नील विद्रोह हुआ।
- 1861 का भारतीय परिषद अधिनियम केनिग के कार्यकाल मेँ पारित हुआ।
- जान लारेंस के कार्यकाल मेँ कलकत्ता, बंबई और मद्रास मेँ उच्च न्यायालयोँ की स्थापना की गई।
- जान लारेंस के कार्यकाल मेँ पंजाब का काश्तकारी अधिनियम पारित किया गया।
- लार्डमेयो के कार्यकाल मेँ भारतीय सांख्यिकी बोर्ड का गठन किया गया।
- लार्ड मेयो के कार्य काल मेँ सर्वप्रथम 1871 मेँ भारत मेँ जनगणना की शुरुआत हुई।
- लार्डमेयो ने राजस्थान के अजमेर मेँ मेयो कॉलेज की स्थापना की।
- लार्डनार्थ ब्रुक के कार्यकाल मेँ पंजाब मेँ कूका आंदोलन हुआ।
- लिटन के कार्यकाल मेँ राज उपाधि-अधिनियम पारित करके 1877 मेँ ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया को कैसर-ए-हिंद की उपाधि से
- विभूषित किया गया।
- 1878 में लिटन ने वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट पारित किया गया जिसे एस. एन. बनर्जी ने आकाश से गिरे वज्रपात की संज्ञा दी थी।
- लार्ड लिटन एक विख्यात कवि और लेखक था। विद्वानोँ के बीच इसे ओवन मेरेडिथ के नाम से जाना जाता था।
- 1878 मेँ स्ट्रेची महोदय के नेतृत्व मेँ एक अकाल आयोग का गठन किया गया।
- लिटन ने सिविल सेवा मेँ प्रवेश की उम्र 21 वर्ष से घटाकर 19 वर्ष कर दी।
- रिपन -1881 में प्रथम कारखाना अधिनियम पारित हुआ।
- रिपन ने 1882 मे वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट को रद्द कर दिया। इसलिए इसे प्रेस का मुक्तिदाता कहा जाता है।
- रिपन के कार्यकाल मेँ सर विलियम हंटर की अध्यक्षता मेँ एक शिक्षा आयोग, हंटर आयोग का गठन किया गया ।
- 1882 मेँ स्थानीय स्व-शासन प्रणाली की शुरुआत की।-रिपन का काल
- 1883 मेँ इलबर्ट बिल विवाद रिपन के ही कार्यकाल मेँ हुआ था।
- डफरिन के कार्यकाल मेँ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की गई।
- लार्ड करजन के कार्यकाल मेँ फ्रेजर की अध्यक्षता मेँ पुलिस आयोग का गठन किया गया। इस आयोग की अनुशंसा पर सी.आई.डी की स्थापना की गई।
- शिक्षा के क्षेत्र मेँ 1904 मेँ विश्वविद्यालय अधिनियम पारित किया गया-लार्ड करजन
- 1904 मेँ प्राचीन स्मारक अधिनियम परिरक्षण अधिनियम पारित करके भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संस्थान की स्थापना की गई।-करजन
- 1906 ई. मेँ मुस्लिम लीग की स्थापना हुई।-मिंटो 2
- मिंटो के कार्यकाल मेँ कांग्रेस का सूरत अधिवेशन हुआ, जिसमेँ कांग्रेस का विभाजन हो गया।
- मार्ले मिंटो सुधार अधिनियम 1909 मेँ पारित किया गया।
- मिंटो 2 के काल काल मेँ 1908 का समाचार अधिनियम पारित हुआ।
- मिंटो 2 के काल मेँ प्रसिद्ध क्रांतिकारी खुदीराम बोस को फांसी की सजा दे दी गई
- वर्ष 1908 मेँ बाल गंगाधर तिलक को 6 वर्ष की सजा सुनाई गई।-लार्ड मिंटो 2
- 1911 मेँ जॉर्ज पंचम के आगमन के अवसर पर दिल्ली दरबार का आयोजन किया गया।-हार्डिंग2
- 1911 मेँ ही बंगाल विभा
- जन को रद्द करके वापस ले लिया गया। मिंटो 2
- 1911 मेँ बंगाल से अलग करके बिहार और उड़ीसा नए राज्य बनाए गए।
- 1912 मेँ भारत की राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया।-हार्डिंग 2
- चेम्सफोर्ड के काल मेँ तिलक और एनी बेसेंट ने होम रुल लीग आंदोलन का सूत्रपात किया।
- 1916 मेँ कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच एक समझौता हुआ, जिसे लखनऊ पैक्ट के नाम से जाना जाता है
- पंडित मदन मोहन मालवीय ने बनारस मेँ काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना 1916 मेँ की थी।-चेम्सफोर्ड
- खिलाफत और असहयोग आंदोलन का प्रारंभ हुआ।-चेम्सफोर्ड
- अलीगढ विश्वविद्यालय की स्थापना की गई।- चेम्सफोर्ड
- चेम्सफोर्ड -अलीगढ विश्वविद्यालय की स्थापना की गई।
- महात्मा गांधी ने रौलेट एक्ट के विरोध मेँ आंदोलन शुरु किया-चेम्सफोर्ड
- 1919 मेँ जलियाँ वाला बाग हत्याकांड इसी के कार्यकाल मेँ हुआ।-चेम्सफोर्ड
- 1921 मेँ प्रिंस ऑफ वेल्स का भारत आगमन हुआ।-चेम्सफोर्ड
- इसके कार्यकाल मेँ 1919 का रौलेट एक्ट वापस ले लिया गया।-लार्ड रीडिंग
- इस के कार्यकाल मेँ केरल मेँ मोपला विद्रोह हुआ।--लार्ड रीडिंग
- रीडिंग के कार्यकाल मेँ 5 फरवरी, 1922 मेँ चौरी चौरा की घटना हुई, जिससे गांधी जी ने अपना असहयोग आंदोलन वापस ले लिया।
- 1923 मेँ रीडिंग के कार्यकाल मेँ भारतीय सिविल सेवा की परीक्षाएँ इंग्लैण्ड और भारत दोनोँ स्थानोँ मेँ आयोजित की गई
- रीडिंग के कार्यकाल मेँ सी. आर. दास और मोती लाल नेहरु ने 1922 मेँ स्वराज पार्टी का गठन किया।।
- दिल्ली और नागपुर में विश्वविद्यालयों की स्थापना हुई।-रीडिंग
- इरविन के कार्यकाल मेँ हरकोर्ट बहलर समिति का गठन किया गया।
- लॉर्ड इरविन के कार्यकाल मेँ साइमन आयोग भारत आया।
- 1928 मेँ मोतीलाल नेहरु ने नेहरु रिपोर्ट प्रस्तुत की।--इरविन
- गांधीजी ने 1930 मेँ नमक आंदोलन का आरंभ करते हुए दांडी मार्च किया।-इरविन
- कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन मेँ संपूर्ण स्वराज्य का संकल्प लिया गया।--इरविन
- प्रथम गोलमेज सम्मेलन 1930 मेँ लंदन मेँ हुआ।--इरविन
- इसके कार्यकाल मेँ 5 मार्च 1931 को गांधी-इरविन समझौता हुआ।
- लार्ड इरविन के कार्यकाल मेँ पब्लिक सेफ्टी के विरोध मेँ भगत सिंह और उसके साथियों ने एसेंबली मेँ बम फेंका।
- लार्ड विलिंगटन के कार्यकाल मेँ द्वितीय और तृतीय गोलमेज सम्मेलन हुए।
- 1932 मेँ देहरादून मेँ भारतीय सेना अकादमी (इंडियन मिलिट्री अकादमी) की स्थापना की गई।-विलिंगटन
- 1934 मेँ गांधी जी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरु किया।--विलिंगटन
- 1935 मेँ गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट पारित किया गया।---विलिंगटन
- 1935 मेँ ही बर्मा को भारत से अलग कर दिया गया।----विलिंगटन
- लार्ड विलिंगटन के कार्यकाल मेँ भारतीय किसान सभा की स्थापना की गई।
- 1939 ई. मेँ सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस छोड़कर फॉरवर्ड ब्लॉक नामक एक अलग पार्टी का गठन किया।--लार्ड लिन्लिंथगो
- 1939 मेँ द्वितीय विश्व युद्ध मेँ शुरु होने पर प्रांतो की कांग्रेस मंत्रिमंडलों ने त्याग पत्र दे दिया।-LINLITHGO
- 1940 के लाहौर अधिवेशन मेँ मुस्लिम लीग के मुसलमानोँ के लिए अलग राज्य की मांग करते हुए पाकिस्तान का प्रस्ताव पारित किया गया।-LINLITHGO
- 1940 मेँ ही कांग्रेस द्वारा व्यक्तिगत असहयोग आंदोलन का प्रारंभ किया गया।--LINLITHGO
- 1942 मेँ गांधी जी ने करो या मरो का नारा देकर भारत छोड़ो आंदोलन शुरु किया।--LINLITHGO
- लार्ड वेवेल ने शिमला मेँ एक सम्मेलन का आयोजन किया जिसे, वेवेल प्लान के रुप मेँ जाना जाता है।
- 1946 मेँ नौसेना का विद्रोह हुआ।-वेवेल
- 1946 मेँ अंतरिम सरकार का गठन किया गया।-वेवेल
- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली ने 20 फरवरी 1947 को भारत को स्वतंत्र करने की घोषणा की।
- लार्ड माउंटबेटेन भारत के अंतिम वायसरॉय थे
- लार्ड माउंटबेटेन ने 3 जून 1947 को भारत के विभाजन की घोषणा की।
- भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम द्वारा भारत के दो टुकड़े करके इसे भारत और पाकिस्तान दो राज्यों में बांट दिया गया।
15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हो गया। - भारत की स्वतंत्रता के बाद 1948 में चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को स्वतंत्र भारत का प्रथम गवर्नर जनरल बनाया गया।
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